Wednesday, 30 September 2015
Resins OR kismis
मेवे की तरह किशमिश भी वजन बढाने में मददगार साबित होती है क्योंकि इसमें फ्रकटोज़ और ग्लूकोज़ पाया जाता है जिससे एनर्जी मिलती है। अगर आपको भी अपना वजन बढाना है और वो भी कोलेस्ट्रॉल बढाए बिना तो आज से ही किशमिश खाना शुरु कर दें।
3. अम्लरक्तता- जब खून में एसिड बढ जाता है तो यह परेशानी पैदा हो जाती है। इसकी वजह से स्किन डिज़ीज, फोडे़, गठिया, गाउट, गुर्दे की पथरी, बाल झड़ने, हृदय रोग, ट्यूमर और यहां तक कि कैंसर होने की संभावना पैदा हो जाती है। किशमिश में अच्छी मात्रा में पोटैशियम और मैगनीशियम पाया जाता है जिसको खाने से अम्लरक्तता की परेशानी दूर हो जाती है।
4. एनीमिया- किशमिश में भारी मात्रा में आयरन होता है जो कि सीधे एनीमिया से लड़ने की शक्ति रखता है। खून को बनाने के लिये विटामिन बी कॉमप्लेक्स की जरुरत को भी यही किशमिश पूरी करती है। कॉपर भी खून में लाल रक्त कोशिका को बनाने का काम करता है।
5. बुखार- किशमिश में मौजूद फिनॉलिक पायथोन्यूट्रियंट जो कि जर्मीसाइडल, एंटी बॉयटिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से जाने जाते हैं, बैक्टीरियल इंफेक्शन तथा वाइरल से लड़ कर बुखार को जल्द ठीक कर देते हैं।
6. शराब के नशे से छुटकारा- शराब पीने की इच्छा हो तब शराब की जगह 10 से 12 ग्राम किशमिश चबा-चबाकर खाते रहें या किशमिश का शरबत पियें। शराब पीने से ज्ञानतंतु सुस्त हो जाते हैं परंतु किशमिश के सेवन से शीघ्र ही पोषण मिलने से मनुष्य उत्साह, शक्ति और प्रसन्नता का अनुभव करने लगता है। यह प्रयोग प्रयत्नपूर्वक करते रहने से कुछ ही दिनों में शराब छूट जायेगी।
7. यौन दुर्बलता- इस समस्या के लिये रोजाना किशमिश खाएं क्योंकि यह कामेच्छा को प्रोत्साहित करती है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड, यौन दुर्बलता को दूर करता है। इसीलिये तो शादी-शुदा जोडों को पहली रात दूध का गिलास दिया जाता है जिसमें किशमिश और केसर होता है।
8. हड्डी की मजबूती- किशमिश में बोरोन नामक माइक्रो न्यूट्रियंट पाया जाता है जो कि हड्डी को कैल्शियम सोखने में मदद करता है। बोरोन की वजह से ऑस्टियोप्रोसिस से बडी़ राहत मिलती है साथ ही किशमिश खाने से घुटनों की भी समस्या नहीं पैदा होती।
9. आंखों के लिये- इसमें एंटी ऑक्सीडेंट प्रोपर्टी पाई जाती है, जो कि आंखों की फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। किशमिश खाने से कैटरैक, उम्र बढने की वजह से आंखों की कमजोरी, मसल्स डैमेज आदि नहीं होता। इसमें विटामिन ए, ए-बीटा कैरोटीन और ए-कैरोटीनॉइड आदि होता है, जो कि आंखों के लिये अच्छा होता है।
3. अम्लरक्तता- जब खून में एसिड बढ जाता है तो यह परेशानी पैदा हो जाती है। इसकी वजह से स्किन डिज़ीज, फोडे़, गठिया, गाउट, गुर्दे की पथरी, बाल झड़ने, हृदय रोग, ट्यूमर और यहां तक कि कैंसर होने की संभावना पैदा हो जाती है। किशमिश में अच्छी मात्रा में पोटैशियम और मैगनीशियम पाया जाता है जिसको खाने से अम्लरक्तता की परेशानी दूर हो जाती है।
4. एनीमिया- किशमिश में भारी मात्रा में आयरन होता है जो कि सीधे एनीमिया से लड़ने की शक्ति रखता है। खून को बनाने के लिये विटामिन बी कॉमप्लेक्स की जरुरत को भी यही किशमिश पूरी करती है। कॉपर भी खून में लाल रक्त कोशिका को बनाने का काम करता है।
5. बुखार- किशमिश में मौजूद फिनॉलिक पायथोन्यूट्रियंट जो कि जर्मीसाइडल, एंटी बॉयटिक और एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से जाने जाते हैं, बैक्टीरियल इंफेक्शन तथा वाइरल से लड़ कर बुखार को जल्द ठीक कर देते हैं।
6. शराब के नशे से छुटकारा- शराब पीने की इच्छा हो तब शराब की जगह 10 से 12 ग्राम किशमिश चबा-चबाकर खाते रहें या किशमिश का शरबत पियें। शराब पीने से ज्ञानतंतु सुस्त हो जाते हैं परंतु किशमिश के सेवन से शीघ्र ही पोषण मिलने से मनुष्य उत्साह, शक्ति और प्रसन्नता का अनुभव करने लगता है। यह प्रयोग प्रयत्नपूर्वक करते रहने से कुछ ही दिनों में शराब छूट जायेगी।
7. यौन दुर्बलता- इस समस्या के लिये रोजाना किशमिश खाएं क्योंकि यह कामेच्छा को प्रोत्साहित करती है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड, यौन दुर्बलता को दूर करता है। इसीलिये तो शादी-शुदा जोडों को पहली रात दूध का गिलास दिया जाता है जिसमें किशमिश और केसर होता है।
8. हड्डी की मजबूती- किशमिश में बोरोन नामक माइक्रो न्यूट्रियंट पाया जाता है जो कि हड्डी को कैल्शियम सोखने में मदद करता है। बोरोन की वजह से ऑस्टियोप्रोसिस से बडी़ राहत मिलती है साथ ही किशमिश खाने से घुटनों की भी समस्या नहीं पैदा होती।
9. आंखों के लिये- इसमें एंटी ऑक्सीडेंट प्रोपर्टी पाई जाती है, जो कि आंखों की फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। किशमिश खाने से कैटरैक, उम्र बढने की वजह से आंखों की कमजोरी, मसल्स डैमेज आदि नहीं होता। इसमें विटामिन ए, ए-बीटा कैरोटीन और ए-कैरोटीनॉइड आदि होता है, जो कि आंखों के लिये अच्छा होता है।
Liver protection
आज कल चारो और लीवर के मरीज हैं, किसी को पीलिया हैं, किसी का लीवर सूजा हुआ हैं, किसी का फैटी हैं, और डॉक्टर बस नियमित दवाओ पर चला देते हैं मरीज को, मगर आराम किसी को मुश्किल से ही आते देखा हैं।
लीवर हमारे शरीर का सबसे मुख्य अंग है, यदि आपका लीवर ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पा रहा है तो समझिये कि खतरे की घंटी बज चुकी है। लीवर की खराबी के लक्षणों को अनदेखा करना बड़ा ही मुश्किल है और फिर भी हम उसे जाने अंजाने अनदेखा कर ही देते हैं।
* लीवर की खराबी होने का कारण ज्यादा तेल खाना, ज्यादा शराब पीना और कई अन्य कारणों के बारे में तो हम जानते ही हैं। हालाकि लीवर की खराबी का कारण कई लोग जानते हैं पर लीवर जब खराब होना शुरु होता है तब हमारे शरीर में क्या क्या बदलाव पैदा होते हैं यानी की लक्षण क्या हैं, इसके बारे में कोई नहीं जानता।
वे लोग जो सोचते हैं कि वे शराब नहीं पीते तो उनका लीवर कभी खराब नहीं हो सकता तो वे बिल्कुल गलत हैं।
* क्या आप जानते हैं कि मुंह से गंदी बदबू आना भी लीवर की खराबी हो सकती है। क्यों चौंक गए ना?
* क्या आपका लीवर वाकई में खराब है। कोई भी बीमारी कभी भी चेतावनी का संकेत दिये बगैर नहीं आती, इसलिये आप सावधान रहें।
* हल्दी लीवर के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए अत्यंत उपयोगी होती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। इसलिए हल्दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पिएं
* सेब का सिरका, लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को दिन में दो से तीन बार लें।
* आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्वास्थ्य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए.
* पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें.
* सिंहपर्णी जड़ की चाय लीवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है। अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं। आप चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं। सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर बड़ी आसानी से मिल जाएगा।
* लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसके इस्तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर छान लें। इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं।
* फीटकोंस्टीटूएंट्स की उपस्थिति के कारण, अलसी के बीज हार्मोंन को ब्लड में घूमने से रोकता है और लीवर के तनाव को कम करता है। टोस्ट पर, सलाद में या अनाज के साथ अलसी के बीज को पीसकर इस्तेमाल करने से लिवर के रोगों को दूर रखने में मदद करता है
* एवोकैडो और अखरोट को अपने आहार में शामिल कर आप लीवर की बीमारियों के आक्रमण से बच सकते हैं। एवोकैडो और अखरोट में मौजूद ग्लुटथायन, लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है।
* पालक और गाजर का रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी लाभदायक घरेलू उपाय है। पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं। लीवर की मरम्मत के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं
* सेब और पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लीवर की रक्षा करता है। इसके अलावा, हरी सब्जियां पित्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं।
* एक पौधा और है जो अपने आप उग आता है , जिसकी पत्तियां आंवले जैसी होती है. इन्ही पत्तियों के नीचे की ओर छोटे छोटे फुल आते है जो बाद में छोटे छोटे आंवलों में बदल जाते है . इसे भुई आंवला कहते है. इस पौधे को भूमि आंवला या भू- धात्री भी कहा जाता है .यह पौधा लीवर के लिए बहुत उपयोगी है.इसका सम्पूर्ण भाग , जड़ समेत इस्तेमाल किया जा सकता है.तथा कई बाज़ीगर भुई आंवला के पत्ते चबाकर लोहे के ब्लेड तक को चबा जाते हैं . ये यकृत ( लीवर ) की यह सबसे अधिक प्रमाणिक औषधि है . लीवर बढ़ गया है या या उसमे सूजन है तो यह पौधा उसे बिलकुल ठीक कर देगा . बिलीरुबिन बढ़ गया है , पीलिया हो गया है तो इसके पूरे पढ़े को जड़ों समेत उखाडकर , उसका काढ़ा सुबह शाम लें . सूखे हुए पंचांग का 3 ग्राम का काढ़ा सवेरे शाम लेने से बढ़ा हुआ बाईलीरुबिन ठीक होगा और पीलिया की बीमारी से मुक्ति मिलेगी
Thursday, 24 September 2015
Health benefits of Mulethi or Liquorice
Liquorice, commonly called as mulethi in India, is a popular condiment that not only acts as a good flavouring agent but is also widely used home remedy because of its widespread medical properties. It has been in use since ancient times in Indian Ayurveda as well as in Chinese medicine. This medicinal herb has wide reaching health benefits and thus, is of great value in naturally treating sore throat, chest congestion, strengthening of bones and muscles, kidney problems, bronchitis, mouth ulcers, hair loss, etc to name a few.
The medicinal property of mulethi is mainly because of the presence of powerful phytochemicals namely flavonoids, chalcones, saponins and xenoestrogens. Glycyrrhizin (salts of glycyrrhizic acid) is a popular saponin found in roots of mulethi that is responsible for the characteristic sweet taste (50 times more sweet than sugar) flavor. Liquiritin, licoflavonol, liquiritigenin, etc are the common chalcones that provide the distinct yellowish color to mulethi; while, the aroma of its root is mainly because of anethole.
Anti-microbial activity – Roots of mulethi are very effective in protecting against virus, bacteria and fungi due to the presence of Glycyrrhizin that blocks the microbial growth. The root extract possesses the power to control malaria (as per preliminary research), influenza and also helps in the treatment of herpes resulting in virus suppression and severity of sores.
Anti-inflammatory activity – Liquorice has powerful anti-inflammatory and anti-allergic activity and can be used to treat chronic inflammation like rheumatic problems & arthritis, skin diseases and autoimmune diseases. It is also used for preventing any inflammatory conditions related to eye and also to treat conjunctivitis with the help of glycyrrhizin activity that counteracts negative effects caused by cortisol.
Improves immunity – Root extracts of mulethi aids in increasing the production of lymphocytes and macrophage thereby improving your defense mechanism & preventing microbial attack. It also helps in minimizing immune related allergic reactions and autoimmune complications.
Memory improvement – Roots of licorice exert supportive effect on the adrenal gland and thus indirectly aid in stimulating the brain. It not only decreases the effects of amnesia & improves learning but its antioxidant property (mulethi contains flavonoids) renders a shielding effect on the brain cells.
Anti-ulcer activity – The potent antioxidant and anti-inflamatory properties of licorice makes it the best natural medicinal aid to treat ulcers of stomach, intestine and mouth. The compound carbenoxolone synthesized from glycyrrhizin plays key role in healing mouth and gastric ulcers along with reducing gastric secretions and promoting development of intestinal mucus lining.
Liver protection – Licorice is one of the most common traditional remedy used to treat jaundice. Its antioxidant property is the key for preventing your liver from the action of free radicals and toxic materials. This herb is also reported to exhibit protection against diclofenac induced toxicity and also, in inhibiting damage of liver.
Liver protection – Licorice is one of the most common traditional remedy used to treat jaundice. Its antioxidant property is the key for preventing your liver from the action of free radicals and toxic materials. This herb is also reported to exhibit protection against diclofenac induced toxicity and also, in inhibiting damage of liver.
Digestive aid – Roots of licorice are also used to deal with stomach and digestion problems with the help of glycyrrhizin and its compound, carbenoxolone. It is one of the ancient home remedies for relieving constipation, acidity, heartburn, stomach discomfort, inflammation of digestive system and gastro esophageal acid reflux. As a mild laxative, it plays an effective role in bowel movements and also for treatment of allergic cough in addition to maintaining normal pH levels.
Hormonal regulation – The phytoestrogenic compounds present in mulethi roots exert valuable action against women hormonal imbalance problems, menopause symptoms like hot flashes & exhaustion, mood swings, etc. It is also found to help in cortisol production and relieving premenstrual issues like nausea and menstrual cramps. Licorice powder acts as the traditional medicine for nursing mothers to regulate body hormones and aid in milk secretion.
Heart healthy effects – Research studies have proved that licorice roots help in controlling cholesterol levels by increasing the body’s flow of bile and also reducing high blood cholesterol levels. The anti-oxidant property of licorice acts in increasing the blood capillary health, reducing inflammation, prevents blood vessel damage and block development of arterial plaque.
Other effects – Licorice roots work wonders in treatment of depression, diabetes and respiratory tract infection like sore throat (hoarseness of voice), cold and cough, etc in addition to rendering effective skin benefits, oral hygiene and weight loss. It is found to act as a cancer cure remedy, a potent aphrodisiac and a powerful analgesic agent.
Tuesday, 22 September 2015
Sunday, 20 September 2015
Health Benefits Of Black Chickpea ,,kala channa
1. Aids in Weight Loss:
Inclusion of fiber rich foods in your diet can greatly contribute to weight loss. Black chickpeas are rich in both soluble and insoluble fiber. Soluble fiber facilitates the excretion of bile and ferries by forming a gel like substance in the digestive tract whereas insoluble fiber prevents constipation and other digestive disorders. Moreover, fiber fills up your stomach, making you feel satiated for longer and curbs hunger cravings. Drinking water boiled with chickpeas helps in reducing appetite. Thus, consuming legumes like black chickpeas can be more effective in weight loss than simply cutting calories.
2. Cardiovascular Benefits:
Black chickpeas contain a unique combination of antioxidants, anthocyanins, delphindin, cyanidin and petunidin as well as phytonutrients and ALA that maintain the health of blood vessels and prevent oxidative stress, thereby reducing the risk of heart disease. Black chickpeas contain considerable amounts of folate and magnesium. Folate lowers the homocysteine levels thus minimizing the risk of narrowing of arteries by plaque formation, blood clots, heart attacks and strokes.
3. Lowers Cholesterol:
The soluble fiber in black chickpeas binds the bile acids and prevents them from being absorbed by the body, thus reducing cholesterol levels. Daily consumption of around ¾ cup of chickpeas helps to decrease LDL cholesterol and total cholesterol triglycerides. Moreover, the dietary fiber of black chick peas is superior to that found in other foods.
4. Stabilizes Blood Sugar and Low Glycemic Index (GI):
The soluble fiber in black chickpeas controls the absorption and release of blood sugar. Moreover, chickpeas have low glycemic index of 28 to 32 which means that the carbohydrate in them is broken down and digested slowly. This aids in weight loss by controlling appetite. The low GI causes blood sugar to rise moderately and slowly leading to lower blood sugar levels. Consuming ½ a cup of black chickpeas a day is effective in controlling blood sugar in just a week.
5. Prevention of Diabetes:
As already stated, the carbohydrates in legumes such as black chickpeas are digested slowly, thus reducing the blood sugar levels. This contributes to insulin resistance, thereby reducing the risk of getting type-2 diabetes.
6. Great Source of Iron:
Being a rich source of iron, black chickpeas can prevent anemia and boost your energy levels. This is particularly beneficial for pregnant or lactating women as well as growing children. Iron plays an important role in the formation of hemoglobin by transporting oxygen from the lungs to all body cells and is an important component of enzyme systems for energy production and metabolism.
7. Good Source of Protein for Vegetarians:
Black chickpeas are an alternative source of protein for vegetarians as these legumes in combination with whole grain or whole wheat protein, provide significant amounts of protein which are comparable to that of meat and dairy as well as devoid of high calories or saturated fats.
8. Beneficial for Women:
The phytonutrients called saponins act as antioxidants to reduce the risk of breast cancer, prevent osteoporosis and minimize hot flushes in post-menopausal women. Eating roasted chickpeas mixed with brown sugar and desi ghee helps in curing leucorrhea. Drinking water boiled with chickpeas can prevent miscarriage.
9. Treatment of Digestive Disorders:
Black chickpeas are rich in dietary fiber, 2/3rd of which comprises of insoluble fiber which is vital for maintaining the health of digestive tract. The fiber reduces the risk of painful diverticulitis disease and constipation by reducing the strain on your intestines. In case of dysentery, soak 2 handfuls of chick peas seed coats in 500 ml of water overnight and drink this water after straining, the next morning for relief. For curing constipation, soak chickpeas in water overnight and eat them in the morning after sprinkling ginger powder and caraway seeds (jeera) as well as drink the separated water.
10. Prevention of Cancer:
The soluble fiber contained in black chickpeas reaches the colon where it is broken down by the bacteria into short chain fatty acids which are absorbed by the colon cells and used for energy. This enables the colon cells to stay healthy and reduces the risk of cancer, particularly colon cancer.
11. Other Benefits:
In case of stones in kidney or bladder, you can soak a handful of split chick peas in water overnight and eat the chickpeas with honey the next morning. Jaundice patients can eat a handful of black chickpeas soaked in water along with jaggery (gur) and drink the same water when thirsty for improvement in condition. This water is also effective in preventing frequent vomiting.
Skin Benefits of Black Chickpeas:
Black chickpeas are rich in folates, dietary fiber, protein, carbohydrates, copper, iron and phosphorus and devoid of sodium and cholesterol. They can be beneficial to your skin in the following ways.
12. Treatment of Leucoderma:
Leucoderma is a disease characterized by white spots on the skin. Those having leucoderma can soak a handful of chickpea seeds along with 10 grams triphala churan in 125 ml of water for 24 hours and eat them when sprouts appear. Doing this religiously for a few months can be effective in getting rid of white spots.
13. Treatment of Ringworm Infection:
Eating a roti made from black chickpea flour every day for a month or two without salt can cure ringworm infections.
14. Facial Skin Care:
Black chick peas is split with skin removed and ground to make ‘besan’ which is excellent for skincare and is often used in face packs to give you flawless glowing skin.
15. Healing Properties:
Paste made form black chickpeas has great healing properties and applying it along with sandalwood paste can remove acne and pimple scars, treat sunburns and various other skin inflammations. Apply equal quantities of both the pastes on the scars, leave overnight and wash off the next morning with lukewarm water to see the desired effect
Hair Benefits of Black Chickpeas:
We all long for healthy and lustrous hair. But unfortunately our unhealthy lifestyle as well as exposure to environmental pollution and harmful chemicals leave our hair damaged and cause several hair problems. Being a healthy food, black chickpeas can be beneficial for your hair in a number of ways.
16. Promotes Hair Growth:
Black chickpeas contain vitamin B6 and zinc. Both these minerals play an important role in building up the protein in hair, thereby strengthening your hair follicles and promoting hair growth.
17. Combats Hair Loss:
The combination of vitamin A and zinc in black chickpeas are vital for hair health and deficiency of any one of these in the diet can cause dandruff and hair loss.
18. Treatment of Dandruff:
In order to get rid of dandruff, you can mix 4 tablespoons of black chickpea flour in around 250 ml water and massage your hair with it for a couple of minutes before washing.
19. Prevents Greying of Hair:
Black chickpeas are loaded with protein and manganese. Manganese prevents your hair from changing pigmentation i.e. greying of hair.
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